संदेश

फ़रवरी 17, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मुझे एक जामवंत चाहिए

कहते हैं कि सीता जी को लंका मे खोजने कि बात चली तो सबने हनुमान जी का नाम सुझाया । लेकिन हनुमान ने कोई प्रतिक्रिया नही दी । जामवंत ने कारन पूछा तो हनुमानजी ने कहा कि प्रभो सात समुद्र पार करना मेरे वस् की बात नही है । जामवंत को हनुमान जी की बात सुनकर हँसी आई उन्होंने कहा हनुमान आप मे अपार छमता है । शायद आपको नहीं मालुम की सिर्फ़ आप ही समुद्र लांध सकते है । जामवंत ने हनुमान की ख़ुद की शक्ति का आइना दिखाया । फ़िर क्या था हनुमान ने जो कर दिखाया ओ आज भी मील का पत्थर साबित हुआ है ।ग्रामीण भारत के लाखों लोगों को आज ऐसे जामवंत का दरकार है । हिन्दी और देशी बोलने बाले लोगो से बाला साहब ठाकरे खानदान को नफरत है । इंग्लिश बोलने बाले लोग मुम्बैकर हो सकते है लेकिन अनपढ़ भइया ठाकरे खानदान के निशाने पर है । तर्क दिया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों ने मुम्बई कि अश्मिता को नुकसान पहुचाया है । ठाकरे साहब से पूछा जाना चाहिए कि मुम्बई को बसाने मे या उसे बसाने मे उनका या उनके खानदान क्या योगदान है । क्या ठाकरे खानदान भी पुर्तगालियों के साथ मुम्बई आया था । भाषा से भादेश लोगो के समर्थन मे आज कोई भी