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अप्रैल 27, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आओ सरकार सरकार खेलें

सरकार- सरकार के खेल में हर कोई मशगूल है । सत्ता में बैठी कांग्रेस vipaksh में बैठी भाजपा ,सरकार को समर्थन दे रहे वाम दल हर कोई इस खेल में अपनी बाजी जीतने की पूरी जदोजहद कर रहे हैं । महगाई के मुद्दे पर वाम दल कांग्रेस के आमने सामने खड़े हैं। परमाणु मुद्दे पर उन्हें कांग्रेस से सख्त विरोध है। यानि कांग्रेस के साथ सत्ता का सुख भोगती वाम पार्टियाँ vipaksh की भी भूमिका में अपने को बरक़रार रखना चाहती हैं । पिछले कुछ दिनों से महगाई के नाम पर वाम दल संसद को चलने नहीं दे रहें हैं । सरकार से समर्थन वापस लेने के मुदे पर उनका टका सा जवाब होता है सरकार का समर्थन भी देते रहेंगे और आलोचना भी करेंगे। बीएसपी की अलग कहानी है । कोंग्रेस की ओर से मायावती जी को जब कभी भी तीखी प्रतिक्रिया झेलनी पड़ती है, मायावती सरकार से सीधे समर्थन वापस लेने के मुद्दे पर विचार करने लगती है । जहाजरानी मंत्री टी आर बालू को लेकर संसद मे मचा घमासान संसद के अन्दर और बाहर हंगामा मचा रखा है ,लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नही है । साफ है , इसका निर्णय करूणानिधि को लेना है । प्रधानमंत्री डी एम् के जैसे मजबूत घटक को नाराज नहीं कर सकते