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अगस्त 3, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जम्मू के लोगों के गुस्से को समझने की जरूरत है

"कांग्रेस पार्टी से हमें बेहद प्यार है लेकिन जम्मू की अस्मिता हमारे लिए उससे से भी महत्वपूर्ण है" जम्मू के मौजूदा एम् पी मदन लाल शर्मा के इस बयान पर गौर फरमाए । कमोवेश आज जम्मू रेजिओन मे हर आदमी की यही सोच है। कांग्रेस हो या बीजेपी या पन्थेर्स पार्टी जम्मू की सियासत में दखल रखने वाली हर जमात आज अमरनाथ यात्रा संघर्ष समिति के साथ खड़ी है। जम्मू जल रहा था और केन्द्र सरकार इसे बीजेपी समर्थित प्रदर्सन मानकर इसे थकाने की कोशिश कर रही थी । याद हो की काश्मीर मे महज एक सप्ताह के विरोध को सरकार पचा नहीं पायी ,नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी सरकार पर दबाव बनाने लगी कि अगर अमरनाथ श्रायण बोर्ड को दी गई जमीन सरकार वापस नहीं लेती तो काश्मीर के तथाकथित जनांदोलन को हुर्रियत के लीडर अपने साथ ले जायेंगे । और घबराई सरकार आनन् फानन मे न केवल लैंड ट्रान्सफर को रद्द किया बल्कि अमर नाथ श्रायण बोर्ड को लगभग भंग करके यात्रा की जिम्मेदारी सरकार अपने हाथ में ले ली । जाहिर है जम्मू काश्मीर को सिर्फ़ काश्मीर समझने वाले लोगों ने एक बार फ़िर वही किया जो पिछले ६० साल से केन्द्र सरकार करती आ रही है । लदाख के लोग

क्या हालिया धमाके गुजरात दंगों का बदला था ?

सन २००४ से अबतक ७० धमाकों का दर्द इस देश ने झेला है , इन धमाकों मे 4000से ज्यादा लोग मारे गए वही 6000से ज्यादा लोग जख्मी हुए । इन में सैकडो आज भी मौजूद हैं जिनके चेहरे पर आतंकवाद के जख्मों के निशान मौजूद है। ये आलग बात है कि हम या तो उन्हें देखना नही चाहते या फ़िर हमने उन्हें भुला दिया है । पिछले वर्षो मे ये धमाके मुंबई ,कोयम्बतूर ,श्रीनगर ,अहमदाबाद ,बंगलुरु ,जयपुर , वाराणसी , ह्य्द्राबाद , मलेगों कह सकते हैं कि देश का शायद ही कोई बड़ा शहर हो जहाँ आतंकवाद के खुनी पंजों के निशान न पड़े हों । हर धमाके के बाद मीडिया से पीछा छुडाने के लिए जाँच एजेन्सी बड़ी बड़ी खुलासा करती है और महीने भर में मामला रफा दफा हो जाता है । पिछले वर्षों के इन धमाके मे आज तक न ही कोई शातिर अपराधी को सामने लाया गया न ही किसी को इस साजिस में शामिल होने के कारन कोई सजा मिली । आजाद हिंदुस्तान में अपराधी , आतंकवादी सरहद के आर पार बेरोकटोक घूमते रहे । आजद हिंदुस्तान में आतंकवादियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि एक महीने पहले जयपुर मे सीरियल बम धमाके होते है जिसमें ६३ लोग मारे जाते हैं , अभी इसकी पड़ताल चल ही रही होती है कि ब