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नवंबर 16, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिंदू आतंकवाद और सेकुलरिस्म यानि खौफ की सियासत

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एक ही झटके में मालेगाँव धमाके के आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ,कर्नल पुरोहित और दूसरे आरोपियों को समझौता ब्लास्ट ,अजमेर शरीफ ब्लास्ट ,और देश में दूसरे धमाके का सरगना करार दिया जा रहा है । ठीक उसी तरह जब देश के अन्य भागों में सीरियल ब्लास्ट का सिलसिला जारी रहा और हर बार पुलिस मास्टर मैयंड को पकड़ लेने की दावा करती रही । ध्यान रहे कि पिछले दो वर्षों में २४ बड़े धमाके हुए हैं जिनमे कई मामले में अभीतक कोई गिरफ्तारी भी नही हुई है , तो कई मामले मे पुलिस चार्जशीट तक दायर नही कर सकी है , तो कई आरोपी सबूत के अभाव में कोर्ट से बरी कर दिए गए हैं । ये एक झलक है राज्य के खास पुलिस दस्ते और सीबीआई के इन्वेस्टीगेशन का । लेकिन ये जाँच प्रक्रिया सियासी पार्टियों के लिए मुद्दे जरूर बनते रहे हैं । मुंबई पुलिस और उसके ऐ टी एस ने इस बार एक मुद्दा बनाया है देश के सेकुलरिस्ट पार्टियों के लिए । यानि अभिनव भारत , विश्व हिंदू परिषद् ,बजरंग दल , आर एस एस और बीजेपी तथाकथित सेकुलर पार्टियों के निशाने पर है । मुंबई पुलिस अभीतक दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है लेकिन हिंदू आतंकवाद का मामला राजधानी दिल्ली से निकलकर ब्रिटि