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नवंबर 23, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आतंकवाद को हराने के लिए मुसलमानों के भरोसे को जितना होगा ...

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पिछले एक साल में ११ बड़े धमाके हुए हैं जिसमे हमने १००० से ज्यादा अपने अजीजों को खोया है । २००० से ज्यादा लोग आज भी आतंक के दंश को झेल रहे हैं । हर हमले के बाद हमरा नेतृत्वा हमें दिलासा देता है बस ! आतंकियों की कोशिशों को अब कामयाब नही होने दिया जाएगा ,प्रधानमंत्री से लेकर आला मंत्री तक हमें आश्वस्त कर जाते हैं । लेकिन फ़िर एक हमला सामने आ जाता है और फ़िर हमारे सौ दो सो लोग मारे जाते हैं । एक बार फ़िर वही आश्वासन ,धीरज रखने की अपील .... आज दुनिया के तमाम नामी अख़बारों ने और सुरक्षा विशेषज्ञों ने हमें एक नाकारा देश और अक्षम नेतृत्वा के विशेषण से नवाजा है । देश और दुनिया में हो रही आलोचना से परेशान हमारी हुकूमत ने सीधे पाकिस्तान की हुकूमत से आई एस आई के चीफ को तलब किया। देश के अख़बारों में इसकी सुर्खियाँ बनी मानो पाकिस्तान ने अपनी गलती मान ली हो और आई एस आई को भारत को सुपुर्द कर दिया हो । लेकिन दुसरे दिन ही पाकिस्तान ने आई एस आई के चीफ को भेजने की बात को नकार दिया ।यानी ठीक उसी तरह जैसे पार्लियामेन्ट हमले के बाद हमारी हुकूमत ने ऑपरेशन पराक्रम का ऐलान कर फौज को पाकिस्तान के सरहद पर तैनात कर