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फ़रवरी 1, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इंडिया के लिए आई पी एल और भारत के लिए नक्सल

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आर्थिक मंदी से गुजर रही दुनिया के लिए यह ख़बर चौकाने वाली हो सकती है कि इंडिया में खिलाड़ियों पर लगने वाली बोली ने अबतक के तमाम रिकॉर्ड को तोड़ दिया है । आई पी एल- २ के लिए होने वाली मैच के लिए इंग्लैंड के फ्लिंतोफ्फ़ को लगभग ८ करोड़ रूपये मिले है जबकि दुसरे क्लब ने पिएतेरसेन के लिए भी ८ करोड़ की बोली लगायी है । आप अंदाजा लगा सकते है कि आई पी एल में शामिल ८ क्लब में लगभग २०० खिलाड़ी है और उनपर हमारे धनकुबेरों ने अरबो रूपये वर्षाये हैं । भारत में आर्थिक मंदी का साया पड़ने लगा है । सिर्फ़ इस आशंका के बिना पर लाखों लोगों की छटनी हो चुकी है ,लाखों लोगों के सर पर तलवार लटकी हुई है और उनकी नौकरी कभी भी जा सकती है । बाजार में रूपये गायब हो जाने की ख़बर ने सरकार को इस कदर चिंतित कर रखा है कि सरकार ब्याज दर लगातार कम करने के साथ साथ कई बेलोउट पैकेज लाने की तयारी में है । सरकारी बाबू से लेकर अफसरों को पे कमीशन के नाम पर लाखों करोडो के अरिएर का भुगतान हो रहा है ताकि बाज़ार संभले । लेकिन बाज़ार रूठा हुआ है । लेकिन यह बात समझ से पड़े है कि क्रिकेट के लिए कौन सा बाज़ार है जहाँ लीकुइदिटी की कोई समस्या नही