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मार्च 22, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जेहादी शबीर मालिक को सलाम !

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शबीर अहमद मालिक । एक आम कश्मीरी ,एक साधारण किसान का बेटा ,लेकिन जज़्बात के मामले में कुछ अलग । श्रीनगर के पास के एक गाँव दूब का रहने वाला शबीर में ऐसा क्या था कि उसके मरने पर हजारों की तादाद में लोग मातम मानाने ,उन्हें श्रधांजलि देने उसके घर पहुंचे । माहोल ऐसा मनो जमी रो रही थी आसमा रो रहा था । पिछले ३० वर्षों में कश्मीर के लोग शायद ही ऐसे मातमी नज़ारे देखे हों । शायद ही ऐसी तड़प लोगों की आंखों में पहले देखा गया हो । जाहिर है जहाँ मौत का सिलसिला वर्षों से जारी हो वहां एक शख्स की मौत से हजारों लोगों को जज्वाती होना एक अनहोनी सी बात थी । पिछले वर्षों तक कश्मीर में मारे गए आतंकवादी के लिए मातमी जलूस निकल ते थे , जहाँ नारे तकबीर और अल्लाह ओ अकबर के नारे लगते थे और इस नारे में जिले जिले पाकिस्तान होता था । लेकिन शबीर मालिक के जनाजे में शामिल हजारों भीड़ का भी वही नारा था नारे तकबीर ,अल्लाह ओ अकबर ,लेकिन जिले जिले पाकिस्तान की जगह आजाद हिंदुस्तान की गूंज थी । कुपवारा के घने जंगलों में लश्कर ऐ तोइबा के दहशतगर्दों के साथ एक मुठभेड़ में मेजर मोहित शर्मा , काम्मान्दो शबीर मालिक सहित आठ जवान मारे ग