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दिसंबर 6, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

और कितने राज्य पहले एक देश तो बनालो

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मुझे कल रात एक मित्र का फोन आया .सियासत से उनका दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है लेकिन पहलीबार उन्होंने सियासी मैदान मे कूदने की इच्छा जताई . उनके हिसाब से यह एक अच्छा मौका है .तैयारी के नाम पर उनके पास गाँधी जी का सत्याग्रह का अस्त्र है . चन्द्र शेखर राव की तरह वे आमरण अनसन पर भी जा सकते है ,अगर मिडिया उनका साथ दे . यानी उनके आमरण अनसन की पल पल की खबर देकर मिडिया उनके पक्ष में एक माहोल जरूर बना सकती है .लोग उनके साथ नहीं है तो क्या हुआ मीडिया के जरिये वे लोगों के बीच जरूर पहुँच जायेंगे . मैंने पुछा आपकी मांग क्या होगी ? उनका जवाब था मिथिला राज्य .मिथिलांचल मांगने के पीछे उनका यह तर्क था कि बिहार का यह इलाका नेतृत्वा बिहीन है ,जाहिर है तरक्की के मामले मे भी बिहार में सबसे पीछे है . मैंने उनसे पुछा कि मिथिलांचल मे आपको कोई जानता नहीं कोई पहचानता नहीं फिर आपकी बात को लोग गंभीरता से लेंगे इसमें मुझे शक है . अति उत्साहित मेरे मित्र का मानना था कि मधु कोड़ा को कौन जानता था ,अर्जुन मुंडा को कौन जानता था ,बाबू लाल मरानादी को कौन जानता था .बी सी खंडूरी को कौन जानता था ,जब अलग राज्य बना तभी तो लोग