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अप्रैल 25, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कश्मीर: पत्थर युग मे लौटने की कबायद तेज

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घर से ऑफिस निकले शफीक अहमद शेख को नहीं पता था कि अगले चौक पर कुछ पत्थर वाले उनका इंतजार कर रहे है .जैसे ही उनकी मिनी बस मगरमाल बाग पहुची एक पत्थर सीधे बस की ओर उछाला गया .ओर सीधे चोट शेख के सर पर लगी .कुछ ही पल में शेख सदा सदा के लिए खामोश हो गए . बारामुला के अब्दुल अजीज अपने ११ दिन के बच्चा इरफ़ान को हस्पताल ले जा रहे थे लेकिन उन्हें हस्पताल नहीं जाने दिया गया एक उत्साही नौजवान ने एक पत्थर उछाला और पल भर में वह दिन का बच्चा दम तोड़ गया .यानी पत्थर के खेल के शौकीन कश्मीर का नौजवान पत्थरों से लोगों की जान ले रहे है लेकिन सियासत ऐसी कि हुकूमत पत्थर वाजों को रोक नहीं पा रही है और सियासी नेता इसे नौजवानों की हतासा मान रही है .यानि पत्थर युग में पहुच चूका कश्मीर एक नयी संस्कृति को अपना लिया है . हर जुम्मे के दिन पत्थर वाजी का यह आम नज़ारा होता है .श्रीनगर के जामा मस्जिद के इलाके ,पुराने बारामुला और सोपोर मे अचानक हर शुक्रवार को चौराहे पर एक महफ़िल सजाई जाती है जिसमे उत्साही नौजवानों की टोली हाथ मे पत्थर लिए पुलिस कर्मी को आगे बढ़ने के उकसाती है .इनका नारा होता है जीवे जीवे पाकिस्तान ,हम क्या

भारत का नक्सली और इंडिया का आई पी एल

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झारखण्ड के पूर्व विधानसभा स्पीकर इन्दर सिंह नामधारी ने कभी राज्य की सरकार को यह सुझाव दिया था कि एक साल तक झारखण्ड मे सारे विकास के काम रोक दिए जाय .सरकार और मीडिया मे इसका माखौल उड़ाया गया था . नामधारी जी की यह दलील थी की आदिवासी इलाके में विकास के नाम पर जो पैसे का बंदर बाट हो रहा है उसमे सबसे ज्यादा फायदा नक्सालियों को ही हो रहा है .सरकार की हर योजना में नक्सलियों का ३० फिसद देना तय तय है  .यानि नक्सली आन्दोलन को बढ़ने से रोकना है तो तो उसके फंडिंग के इस सुलभ तरीके को रोकने होंगे .सरकारी पैसा ,सरकारी हथियार लेकिन नक्सलियों के निशाने पर वही सरकार .यानी पैसे उगाहने के लिए नक्सलियों ने कमोवेश वही प्रबंध किया है जो तरीका आई पी एल के धुरंधरो ने राजनेताओ के साथ मिलकर किया है . कभी आई पी एल के बारे मे गृहमंत्री चिदम्बरम ने कहा था कि कुछ चलाक लोगों ने क्रिकेट को मनोरंजन के चासनी मे डाल कर इसे एक फ़ॉर्मूला बना दिया है .लेकिन नक्सलियों के कुसल प्रबंधन को समझने मे वे अब तक नाकाम रहे है . दंतेवाडा नक्सली हमले से आह़त गृह मंत्री ने एक बार फिर नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुल