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जनवरी 2, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सच का सामना करने के लिए क्यों नही तैयार है कश्मीरी ?

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सच का सामना करने के लिए इस बार हुर्रियत कान्फेरेंस के साबिक चेयरमेन अब्दुल गनी बट सामने आये .मौका था जे के एल ऍफ़ के सेमिनार का .मौका था भारत के खिलाफ जहर उगलने का लेकिन प्रो बट का खुलासा सबको चौका दिया ,उन्होंने कहा" मारे गए हमारे हुर्रियत के लीडर वाकई मे शहीद है या फिर हमारी अंतर्विरोध के साजिश के शिकार " .हुर्रियत कान्फेरेंस के चेयरमेन ओमर फारूक और बिलाल गनी लोन की मौजदगी मे प्रो बट ने यह सवाल उठाया कि इनके पिता की हत्या किसने की थी ?उन्होंने जोर देकर कहा कि झूठ बोलने की आदत छोड़कर हम यह सच बताये कि मौलवी फारूक ,गनी लोन और प्रो अहद जैसे लीडरो की हत्या हम मे से कोई की थी इनकी हत्या किसी सुरक्षा वालों ने नही की थी .हुर्रियत लीडरो की हत्या की एक लम्बी फेहरिस्त है मौलवी मुश्ताक ,पीर हिसमुदीन ,शेख अजीज़ रफीक शाह ,माजिद डार इनकी हत्या के बारे मे यही बताया गया कि अज्ञात बन्दुक धारियों ने इनकी हत्या की थी लेकिन किसी हत्या की जांच की हिम्मत स्थानीय पुलिस नही दिखा सकी .तो क्या प्रो बट के हालिया खुलासे के बाद इन हत्यायों का राज ढूंढने के लिए किसी हुर्रियत लीडर से पूछ ताछ करेगी ?शायद