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फ़रवरी 13, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इस्तीफा भी दे सकते है प्रधानमंत्री ?

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आम तौर पर अपना मुहं बंद रखनेवाले प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने आखिरकार अपना मुह खोला ,कई बार जवान फिसली ,कई बार सवाल टाल गए लेकिन एलोक्ट्रोनिक मिडिया के संपादकों के साथ बातचीत मे उन्होंने यह जरूर साबित कर दिया कि वे ज्यदादिनो तक अपना मुंह बंद नही रखेंगे .आमतौर पर प्रधानमंत्री साल मे सिर्फ एकबार मीडिया से रुबरु होते है लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घिरी सरकार के मुखिया होने के कारण उन्होंने यह जरूरत समझी कि अपना पक्ष लोगों के सामने रखे.उन्होंने यह साफ़ कर दिया कि वे मजबूर है ,उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि सरकार मे हर फैसले उनके ही मुताबिक नही होते है .उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया है कि गठबंधन की सरकार चलानी है तो मुखिया को कही न कही समझौता करना ही पड़ता है .यानि २जी स्पेक्ट्रुम मे मची लूट से वे पूरी तरह वाकिफ थे लेकिन वे राजा पर कोई कारवाई नही कर सके .उन्होंने यह भी साफ़ किया कि राजा को उन्होंने २००७ विधि सम्मत फैसले लेने को कहा था फिर भी राजा ने उन्हें अनसुना किया .खास बात यह है कि जब प्रधानमंत्री राजा के बारे मे सबकुछ जानते थे फिर उन्हें यु पी ऐ -२ के सरकार गठन के मौके पर दुबारा वही मंत्