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अप्रैल 10, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या उखाड़ लेंगे अन्ना

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हाथ में दो केला और एक सेव थामे मै कुछ देर निर्विकार भाव से ठेले वाले को निहारता रहा ..मुझे लगा उसने अभी अभी जो कीमत बताई है वह शायद उसका फम्बल था  .मैंने उसे  रिटेक देने के आग्रह के साथ दुबारा कीमत बताने को कहा .उसने लगभग खीजते हुए कहा "यहाँ रिटेक नहीं चलता आपने सही सुना है " यानि पुरे ४५ रुपया ठेले वाले   को  भुगतान  करके मै यह गीत गुनगुनाता वापस ऑफिस की ओर चला "मोरे सैया तो खुबे कमात है ,महगाई डायन खाई जात है " .फल खाने का यह आईडिया अचानक क्यों आया .इस बात पर मैं खुद अपने आपको कोस रहा था .अभी अभी तो कैंटीन वाला से लड़कर बाहर आया था .४० रुपया में थाली ,लूट है क्या ? मैंने हुंकारते हुए कहा था इतने पैसे के फल खरीद कर खा लेंगे .बुद्ध को ज्ञान प्राप्त होने में १८ साल लग गए थे लेकिन मुझे यह ज्ञान कुछ मिनटों में मिलगया .ऑफिस आकर मै यह खबर पढ़ कर तनिक भी विचलित नहीं हुआ की मुंबई में एक माँ अपने 6 साल के बेटे को लेकर ७ वी मंजिल  से छलांग लगा दी .ओड़िसा में एक माँ ने  पाच बच्चों के साथ   आत्महत्या कर ली . देश के १२ लाख करोड़ रूपये के बजट बनाने वाले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्