पाकिस्तान को भी है मोदी से उम्मीदें

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशो के राष्ट्राध्यक्षों के शामिल होने को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। पाकिस्तान को अबतक जी भर कोसने वाले मोदी जी को आख़िरकार अपने शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तान की याद क्यों आई ?क्यों सार्क फोरम नरेंद्र मोदी के लिए इतना महत्वपूर्ण हो गया जो पिछले दस साल से उपेक्षित था। क्या भारत सहित दुनिया के दुसरे देशों में अपनी छवि बदलने के लिए मोदी ने सार्क को एक प्लेटफॉर्म बनाया है ? सवाल कई हैं लेकिन जवाब कम। लेकिन पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म नवाज़ शरीफ के भारत आने की चर्चा ने एक नई सियासी पहल का संकेत दिया है। पिछले २५ वर्षों से पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ
अघोषितहमला बोल रखा है
इन वर्षों में हमारे९०हज़ार से ज्यादा लोगों
की जान गयी है . इस छदम युद्ध में हमारे २०हजार से ज्यादा जवान मारे गए है .लेकिन हरबार
हमने अब और नहीं ,कह कर सिर्फ दूसरे हमले का ही इन्तजार किया है .कल तक कांग्रेस को
कारवाई करने के लिए उकसा रही बीजेपी आज खुद अमन बहाली के लिए "वाजपेयी फार्मूला"ढूंढ रही है। यानी पाकिस्तान पर हमले को लेकर जो
अडचने अटल जी के दौर में थी वही आज भी है। …