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फ़रवरी 28, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अब मैं कन्हैया हो गया हूँ......

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मै हूँ अन्ना ,मैं हूँ केजरिवाल अब मैं कन्हैया हो गया हूँ। .. लेकिन मैं कभी ललितपुर का लोटन नहीं बनना चाहता हूँ  और  न ही  बुंदेलखंड और  नागपुर   के मंगतू राम जैसे हज़ारो किसानो में मेरी कोई  दिलचस्पी है जो महज पचास हज़ार कर्ज न चुकाने के कारण आत्महत्या कर लेता है..मैं आज  कन्हैया इसलिए हूँ कि वह मोदी को गरिया रहा है कल मैं केजरीवाल इसलिए था क्योकि वह मनमोहन सिंह को चोर कह रहा था....मीडिया में आज  सिर्फ"" आज़ादी" की खबरे छप रही है  मानो कुछ संपादको को गांधी के रूप में कन्हैया मिल गए   हो और वर्षो से गुलामी के बेड़ियों में जकड़े टीवी के स्वनामधन्य संपादको को खुली हवा में साँस लेने का मौका मिल गया हो। मीडिया में कही मोदी के समर्थन में जे एन यु के अति उत्साहित छात्रों को राष्ट्रद्रोही बताया जा रहा है तो कही   कुटिल संपादको की फौज जिन्हे मोदी और उनकी सत्ता से चिढ है वे इसे hight ऑफ़   इंटॉलरेन्स बता रहे है.. . एक गरीब माँ का बेटा कन्हैया जिसे आज मीडिया स्टार बता रहा है और लोगों को मानने के लिए विवश भी कर रहा है..कभी केजरीवाल को बेईमान तंत्र के सामने कठोर व्रती ईमानदार पेश कर