क्यों मीडिया इस चुनाव में हाँफता हुआ नज़र आ रहा है


गुजरात और हिमाचल प्रदेश एसेम्ब्ली चुनाव इस बार कुछ खास है।आम मतदाताओं के बीच शांति है लेकिन मीडिया में हंगामा है। कांपते हाथ ,थरथराते होठ से हिमाचल चुनाव की कमान संभाले राजा वीरभद्र सिंह अपनी पार्टी के स्वयंभू नेता है। दिल्ली से आये कांग्रेस के स्टार प्रचारक शिमला में मस्त मौसम का मज़ा ले रहे हैं और 84 साल का बुजुर्ग सोशल मीडिया के जरिये चुनावी जंग में देश के सबसे बड़े चुनावी अखाड़े के महारथी को चुनौती दे रहा है। 
यानी एक नए मीडिया अवतार ने पुराने कलमकार और टी वी पर बक बक कर राजनितिक लाइन खींचने वाले वरिष्ठ पत्रकारों की छुट्टी कर दी है। हिमाचल जैसे छोटे राज्य में 40 लाख स्मार्ट फ़ोन धारक हर दिन 1 जी बी डेटा इस्तेमाल कर रहे हैं। जाहिर है हर छोटे बड़े इवेंट वे अपने फ़ोन पर लाइव देख रहे है। वीरभद्र सिंह के करीबी कहते हैं कि कंटेस्ट तगड़ा है ,सोशल मीडिया ने उन्हें मुकाबले में खड़ा कर दिया है। 

10 नौजवानो की एक टीम आई फोन ,स्मार्ट फोन और कैमरे से लैश सी एम वीरभद्र सिंह के साथ साये की तरह मुस्तैद रहती है। 22 -25 साल के गबरू नौजवान ब्रांडेड पोशाक में एक नए किश्म की पत्रकरिता की नीव डाल रहा है। इन्हे अनकट लाइव पब्लिक के बीच पहुंचना है रिएक्शन की चिंता राजा साहब की है। हालाँकि दिल्ली की राहुल गाँधी की सोशल मीडिया टीम भी यहाँ एक्टिव है लेकिन वह सिर्फ पार्टी और राहुल गाँधी को अपडेट करती है। अपने आप यह अनोखा मीडिया कैंपेन है ,लोग कहते हैं पांच साल में कुछ नहीं हुआ। लोग मानते हैं भ्रष्टाचार हिमाचल में बड़ा मुद्दा है ,लेकिन लोग यह भी कहते हैं राजा कांग्रेस की अंतिम लड़ाई लड़ रहा है... सच जो भी हो लेकिन पारम्परिक मीडिया इस चुनाव में हाँफता हुआ नज़र आ रहा है लोग अपने नेता और देश की राजनीति का खुद विश्लेषण कर रहे हैं  

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