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राहुल अपनी एंग्री यंगमैन वाली इमेज कब छोड़ेंगे ?

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एक अनौपचारिक चर्चा में मैंने राहुल गाँधी से पूछा था " राहुल जी आप अपनी एंग्री यंगमैन वाली इमेज कब छोड़ेंगे ? शायद लोगों के बीच आपकी यह "इमेज" आकर्षण नहीं बना पायी है। मेरे सरल सवाल का जवाब राहुल जी ने बड़े जटिल भाव से दिया और उस भाव में मैं अपना जवाब नहीं पा सका था। पिछले हफ्ते हिमाचल रैली में राहुल के उसी इमेज से दो चार होना पड़ा। लम्बे इन्तजार के बाद राहुल सभा स्थल पहुंचे और माइक मिलते ही आ गए अपने तेवर में। फिर होना क्या था ,एक झलक पाने के लिए घंटों से इन्तजार करती भीड़ मह ज २ से 4 मिनट का वक्त राहुल को नहीं दे पायी। मुझे लगा शायद दिल्ली और हिमाचल के कांग्रेस ऑफिस में कोई तालमेल नहीं है बरना गुजरात का भाषण राहुल हिमाचल में क्यों दे रहे हैं। कही ऐसा तो नहीं चने के झाड़ पर चढ़ाकर कुछ कांग्रेसी ने ही राहुल गाँधी को 2019 का विकल्प बना दिया है।  कुछ बुजुर्ग बीजेपी में भी नए समीकरण का बेसब्री से इन्तजार कर रहे हैं तो कांग्रेस के बुजुर्ग ने दमघोटू दिल्ली में एक नए सियासी समीकरण की नीव रख दी है। राहुल जी को कांग्रेस का नेता होने से कौन रोक सकता है ? लेकिन देश उन्हें नेता मान ले