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दिसंबर 17, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मोदी में आम आदमी ,अपना आदमी को ढूंढती हुई भीड़

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देखो देखो कौन आया ! भीड़ से आवाज आती है गुजरात का शेर आया। मंच से करेक्शन आता है "गुजरात नहीं हिंदुस्तान का शेर आया .. भीड़ से एक बार फिर यह नारा गूंजने लगता है। तबतक पी एम मोदी मंच पर पहुँच जाते हैं। खेम छौ ! मज़मा ..... मोदी भीड़ से संवाद करते हैं .... भूल गए ! नहीं,नहीं ! मानो मोदी हर एक का हाल चाल ले रहे हों और हर से संवाद बनाने की कोशिश कर रहे हो .. ये है मोदी मैजिक जो आम लोगों के सर चढ़ कर बोलता था,मानो मोदी हर गुजराती के दिल में बसता है । तो क्या इस मुश्किल हालत में भी  मोदी ने सीप्लेन शो जैसा असंभव शो को संभव बनाया है और हार को जीत में तब्दील कर दिया है ? गुजरात में बीजेपी की जीत मोदी की सबसे बड़ी परीक्षा थी और वे इसमें कामयाब हुए हैं । यह मोदी मैजिक मैंने हिमाचल में भी देखा .. .पहाड़ी इलाके में इतनी बड़ी भीड़ मैंने कभी नहीं देखी थी.जितने लोग सुनने वाले की थी उतनी ही देखने वालो की। बहार निकलते हुए एक वुजूर्ग से मैंने पूछा अभी जा रहे हो ? भाषण तो चल रहा है। वुजूर्ग का जवाब था मैं मोदी को देखने आया था ,वो यहाँ पहले भी आते थे ,मैं उन्हें यह देखने आया था कि वे वैसे ही हैं जैसे 30