संदेश

जून 10, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शुजात बुखारी हम शर्मिंदा हैं .... भारत इनदिनों टीवी गुरुओं के प्रवचनों से थोड़ा कंफ्यूज है

चित्र
क्या कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या खौफ के सौदागरों की वही पुरानी रणनीति का हिस्सा रही है जिसमे अबतक आधे दर्जन पत्रकार मारे गए हैं ? पिछले दिनों स्पाई क्रॉनिकल (भारत पाकिस्तान के दो टॉप जासूसों ) के बुक लॉंच पर मैंने शुजात बुखारी में एक निर्भीक पत्रकार की छवि देखी थी। पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा, दिग्गज सियासी लीडरों के पैनल को बता रहे थे की "दरअसल भारत सरकार की नाकामी के कारण कश्मीर में हालात बिगड़ी है। हिज़्ब कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से नौजवान उत्तेजित हैं और वे आतंकवादी बन रहे हैं।" शुजात बुखारी ने उन्हे याद दिलाया कि "कश्मीर की समस्या दिल्ली की अनदेखी की समस्या है जो पिछले 40 साल पुरानी बिमारी बनी हुई है। रही बात हिंसा की तो यह सिलसिला अफ़ज़ल भट की फांसी के बाद ही तेज हुई थी। कुछ नौजवानो ने अफ़ज़ल व्रिगेड बनाकर जमकर आतंक मचाया था और आज भी सक्रिय हैं " पूर्व रॉ चीफ दुल्लत और साबिक आई एस आई चीफ दुर्रानी के "स्पाई क्रॉनिकल" बुक को लांच करने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ,फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ,पूर्व उपराष्ट्रपति हामि