जब वी मेट !
वर्षो बाद पहली बार इस देश ने उम्मीदों के साथ मोदी को एक राष्ट्रीय नेता एक कुशल प्रधानमंत्री के रूप में चुना था। कह सकते है 1984 के बाद मोदी अवाम के चुने हुए प्रधानमंत्री है लेकिन क्षेत्रीय क्षत्रप उन्हें फेल करार देने में पूरी ताकत लगा रहे हैं। वजह वे मोदी को अपने और अपने परिवार के अस्तित्व का सबसे बड़ा खतरा मान रहे हैं। लेकिन इन चार वर्षों में सबसे बड़ा सवाल मोदी सरकार के लिए यह है कि जिस परिवर्तन और सम्पूर्ण क्रांति का नारा देकर उन्होंने बहुमत की सत्ता पायी थी क्या टीम मोदी कुशल नेतृत्व दे रही है ....क्या परिवर्तन दिख रहा है ? अगर परिवर्तन हुआ है तो पब्लिक में चर्चा क्यों नहीं है ?
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