जम्मू के लोगों के गुस्से को समझने की जरूरत है
"कांग्रेस पार्टी से हमें बेहद प्यार है लेकिन जम्मू की अस्मिता हमारे लिए उससे से भी महत्वपूर्ण है" जम्मू के मौजूदा एम् पी मदन लाल शर्मा के इस बयान पर गौर फरमाए । कमोवेश आज जम्मू रेजिओन मे हर आदमी की यही सोच है। कांग्रेस हो या बीजेपी या पन्थेर्स पार्टी जम्मू की सियासत में दखल रखने वाली हर जमात आज अमरनाथ यात्रा संघर्ष समिति के साथ खड़ी है। जम्मू जल रहा था और केन्द्र सरकार इसे बीजेपी समर्थित प्रदर्सन मानकर इसे थकाने की कोशिश कर रही थी । याद हो की काश्मीर मे महज एक सप्ताह के विरोध को सरकार पचा नहीं पायी ,नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी सरकार पर दबाव बनाने लगी कि अगर अमरनाथ श्रायण बोर्ड को दी गई जमीन सरकार वापस नहीं लेती तो काश्मीर के तथाकथित जनांदोलन को हुर्रियत के लीडर अपने साथ ले जायेंगे । और घबराई सरकार आनन् फानन मे न केवल लैंड ट्रान्सफर को रद्द किया बल्कि अमर नाथ श्रायण बोर्ड को लगभग भंग करके यात्रा की जिम्मेदारी सरकार अपने हाथ में ले ली । जाहिर है जम्मू काश्मीर को सिर्फ़ काश्मीर समझने वाले लोगों ने एक बार फ़िर वही किया जो पिछले ६० साल से केन्द्र सरकार करती आ रही है । लदाख के लोग