नागरिकता संशोधन विधेयक में हिंदुस्तानी को ढूंढिए हिन्दू नहीं !
कौन हैं हिन्दू ,क्यों उनके लिए हिंदुस्तान एक जीवन है और क्यों उनके लिए नागरिकता संशोधन विधेयक जरुरी है ? बाबा साहब अम्बेडकर ने अपनी किताब पाकिस्तान और द पार्टीशन ऑफ़ इंडिया में विभाजन के कई महत्वपूर्ण अनछुए सवाल उठाये हैं। अम्बेडकर का मानना था ब्रिटिश रूल से पहले भारत में रह रहे मुसलमानों को लगता था कि वे हिन्दू बाहुल्य जनता के मालिक हैं। अंग्रेजी हुकूमत ने उनके इस रुतबे को ख़त्म करके मुल्क के हिन्दू बहुसंख्यक जनता और मुसलमानों को एक लेवल में ला दिया था लेकिन जैसे ही ब्रिटिश हुकूमत के बिस्तर बांधने की सुगबुगाहट हुई मुस्लिम सामंतो और नवाबो ने इस्लामिक आइडेंटिटी का हवाला देकर मुसलमानों में यह खौफ का माहौल बनाया कि बहुसंख्यक हिन्दू आवादी के साथ उनका अस्तिव मिट जाएगा ,उधर हिन्दुओं में यह आशंका बढ़ी कि मुस्लिम सामंत फिर अपनी प्रभुसत्ता उनपर थोपने का प्रयास करेंगे और उनका मालिक बन बैठेंगे। अपनी अलग पहचान के नाम पर जिन्ना ने जैसे ही मुसलामनों के लिए स्पेशल प्रिविलेज देने की मांग शुरू की यह बात तय हो गयी थी एक राष्ट्र के रूप में उनकी मांग कतय स्वीकार नहीं होगी । और देश ने अंततः विभाजन का