आतंकवाद और क्रिकेट :सियासत या बाज़ार
भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच के लिए बाजार सज चूका है। इतनी बुरी तरह हारने के बाद भी एक बार फिर पाकिस्तान चैम्पियन्स ट्रॉफी के फाइनल में कैसा पहुंचा ? कुछ लोग कहते हैं इस जंग के लिए बाज़ार का दवाब था ?,लेकिन कश्मीर मे जो जंग वर्षो से जारी है क्या वह बाज़ार का हिस्सा नहीं है ? माहे रमज़ान में कश्मीर में आतंकवादियों के खुनी खेल के बीच वादी के सबसे बड़े मौलवी मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ का पाकिस्तान की जीत के लिए दुआ, यह दर्शाता है कि जहां दाम मिले वहीं ज़िंदाबाद। मीरवाइज़ यह जानते हुए भी मस्त है कि जिस दिन वह पाकिस्तान के लिए दुआ कर रहे थे , उसी दिन पाकिस्तान के दहशतगर्दो ने एक क़ाबिल पुलिस अफसर फ़िरोज़ डार सहित 7 पुलिस कर्मी की जान लेली। अनंतनाग में ड्यूटी पर मौजूद फ़िरोज़ डार को लश्कर के दहशतगर्दो ने घात लगाकर हमला बोला था और उनकी टीम को गोलियों से छलनी कर दिया। अपने टॉप लश्कर कमांडर जुनैद मट्टू के मारे जाने से बौखलाए दहशतगर्दो ने पुलिसकर्मियो के चेहरे पर इतनी गोलिया दागी थी जिसे उनको पहपाना पाना भी मुश्किल था फिर भी अगर मीरवाइज़ और गिलानी इस घिनोने ,बर्बर हमले के वाबजूद क्र