बिहार के लीडरों के पास आईडिया की कमी है या लीडर लोगों को अंडरएस्टीमेट करते है ?
आदरणीय नीतीश कुमार जी , आपके नेतृत्व में बिहार ने दहेज़ और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को ख़तम करने का संकल्प लिया है। कहा जाता है कि विश्व की सबसे लम्बी मानव श्रृंखला में 5 करोड़ लोग शामिल हुए थे और यह 13668 किलोमीटर लम्बी श्रृंखला थी। हालाँकि विपक्षी दल इसे मानव रहित श्रृंखला बताते हैं और इसे फ्लॉप शो करार दे रहे है। लेकिन बिहार में बार बार इस मानव श्रृंखला से मुझे याद आया ,एकबार मैंने आपसे पूछा था कि बिहार के लीडरों के पास आईडिया की कमी है या लीडर लोगों को अंडरएस्टीमेट करते है ,हर बार वही घिसी पिटे नारे वही जातिवादी स्लोगन ? आपने शायद एक नए पत्रकार के उत्साह को भांप लिया था और मुस्कुरा दिया था। लेकिन शरावबंदी के बाद इस नए सोशल रिफार्म की शपथ ने मुझे अपनी बात जोर से रखने का मौका दिया है कि आप अपनी महत्वाकांक्षा में बिहार की सुध लेना भूल गए हैं और वाकई आपके पास बिहार के लिए कोई आईडिया नहीं है। बिहार मे आपको पिछले 15 वर्षो से मिला जन समर्थन इस बात की पुष्टि करता है कि जातीय फॉर्मूले के ध्वस्त करके आपने बिहार में सुशासन बाबू का इमेज बनाया था लेकिन भ्रष्ट प्रशासन औ