ये दिल्ली है मेरी जान ! यहाँ एक चाय वाले को शून्य से ज्यादा मार्क्स नहीं मिलता .....
चार साल मोदी सरकार ! बहस का बाज़ार गर्म है ,नेशनल टीवी के सेल्स और मार्केटिंग टीम ने फाइव स्टार होटलों में दरबार सजा दिया है। सोशल मीडिया के क्रन्तिकारी मिनी ब्लॉगर मोदी पास /फेल पर अपने व्यक्तित्व के हिसाब गोले बरसा रहे हैं। सरकारी मीडिया भी इस अवसर पर सिस्टम के दायरे में ओ बी ,डी एस एन जी दौरा रहे है. इस निरपेक्ष भाव से कि यह पब्लिक तय करे क्या देखा /समझा। सोशल मीडिया पर शुमार किये जाने वाले महान पत्रकार पुण्य प्रसून ,रवीश कुमार ,राजदीप जैसे दर्जनों पत्रकार एक अलग धारा बनाने की कोशिश में सीधे सीधे पी एम मोदी पर हमला बोल रहे हैं। आखिर इतना शोर क्यों है भाई ? मोदी को लेकर इतनी प्रतिक्रिया क्यों है ? अपने यशवंत सिन्हा जी कहते हैं "मोदी एक मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बने हैं देश का कोई भी मुख्यमंत्री इस लायक हो सकता है। यानी मोदी में ऐसी कुछ भी खासियत नहीं है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी कहते हैं ,कॉपी में कुछ लिखा ही नहीं है तो नंबर क्या दूँ ? यानी महान रजनीतिज्ञ जोशी जी शून्य से आगे नहीं सोच रहे हैं। खामोश वाले शत्रुघ्न सिन्हा जी अपनी आलोचना से कोंग्रेसियो को