इस कश्मीर को किसने लूटा
संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव आंबेडकर और संविधान की धारा 370 को लेकर आम जन में एक अलग राय है .जबकि ऐतिहासिक दस्ताबेज कुछ और बया करते हैं .मसलन बाबा साहब ने संविधान की रचना नहीं की थी और न ही भारतीय संविधान उनके मौलिक कल्पना का लिखित दस्तावेज है .बाबा साहब संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे जबकि संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद थे .लेकिन बाबा साहब के अनुभव उनकी सूझ बुझ का संविधान सभा के हर सदस्य कायल थे .लेकिन वही प्रस्ताव संविधान का हिस्सा बना जिसपर बहुमत की राय थी .मसलन बाबा साहब जम्मू कश्मीर को धारा 370 का विशेष दर्जा देने के खिलाफ थे .लेकिन बाबा साहब के न चाहते हुए भी इसे शामिल किया गया .यह अलग बात है की संविधान में इसकी अस्थायी व्यवस्था दी गयी थी लेकिन यह धारा 370 जम्मू कश्मीर के पहचान बन गयी है .ठीक वैसे ही जैसे बाबा साहब ने सिर्फ 10 वर्षों के लिए आरक्षण की व्यवस्था दी थी आज यह आरक्षण भारत के समाजी और राजनितिक जीवन का हिस्सा बन गया है .लेकिन समस्या आरक्षण को लेकर आज भी बरकरार है. धारा 370 तो आजतक कश्मीरियों को मुख्यधारा में आने नहीं दिया और हर कश्म