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जनवरी 25, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सावधान : आजमगढ़ एक्सप्रेस दिल्ली पहुँच चुकी है ....

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लोक सभा चुनाव के एन मौके पर आजमगढ़ एक्सप्रेस ने दिल्ली पहुँच कर आने वाले चुनाव की तस्वीर साफ़ कर दी है । बाटला हाउस मुठभेड़ के मामले को उलेमा काउंसिल ने मुद्दा बनाकर तमाम सेकुलर सियासी पार्टियों को यह भी संदेश दे दिया है कि muslim वोट पाने के लिए एकबार फ़िर राजनेताओं को मौलानाओं के शरण में ही जाना होगा । आजमगढ़ से चली इस स्पेशल ट्रेन पर उलेमा काउंसिल ने १३ लाख रूपये खर्च करके और हजारों नौजवानों को अपने साथ में लेकर अपनी राजनितिक हैसित भी बता दिया है । याद हो कि कुछ महीने पहले जामा मस्जिद के इमाम बुखारी ने युनितेड डेमोक्रेटिक फ्रंट बनाकर सेकुलर सियासत में अपनी दखल बढ़ाने की कोशिश की थी । लेकिन अवाम ने उनकी हैसियत बता दी थी । एकबार यही कोशिश उलेमा काउंसिल की तरफ़ से हो रही है । लेकिन अफ्शोशनाक पहलु ये है कि उलेमा काउंसिल ने मुद्दा बाटला हाउस एनकाउंटर का बनाया है । सबसे बड़ी सेकुलर पार्टी का दाबा करने वाली कांग्रेस के सामने मुश्किल यह है कि एक ओर सरकार ने बाटला हाउस एनकाउंटर के हीरो मोहनचंद शर्मा को मरणोपरांत अशोक चक्र उपाधि से नवाजा है ,लेकिन उसी सरकार के आला मंत्री बाटला हाउस मामले को ले