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जुलाई 19, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सिर्फ़ ' क ' को 'ब' ही तो पढ़ा था ,बच्चे की जान लोगे क्या ?

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अपने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आजकल निशाने पर है । मीडिया जी भर कर कोश रहा है । विपक्षी दल को मानो प्रधानमंत्री को घेरने का सुनहरा मौका मिल गया हो । सरकार में शामिल पार्टियाँ प्रधानमंत्री की बात से इत्तिफाक नही रखती । अपनी पार्टी कांग्रेस से जब प्रधानमंत्री के जोइंट स्टेटमेंट के बारे में पूछा जाता है तो पार्टी के तेज तर्रार प्रवक्ता झुंझलाते हुए अपना पीछा छुडाता है कि सरकार से पूछो । यानि इस बार प्रधानमंत्री अकेल है और चारों ओर से तलवार खिची हुई है । आखिर क्या कर दिया प्रधानमंत्री ने जो इतना हाय तोब्बा मचा हुआ है । "हम आह भरते हैं तो हो जाते है बदनाम वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नही होती" । प्रधानमंत्री ने बस इतना कहा कि भाई कश्मीर बहुत हो चुका अब दूसरा मोर्चा खोलो सो पाकिस्तान ने बलोचिस्तान सामने ले आया । "के "शब्द के बदले इस बार "बी "आ गया है । रही बात आतंकवाद की तो प्रधानमंत्री अच्छी तरह से जानते है कि पाकिस्तान कभी आतंकवाद से अपने को अलग कर नही सकता ,यह उसकी पहचान है ,सो पाकिस्तान से बात करनी है तो आतंकवाद के मुद्दे को सामने रखना बेमानी है । यह तो दरिय

कौन है ये नक्सल ! पहचानने की कोशिश में लगी है सरकार

vinod mishra ka blog: कौन है ये नक्सल ! पहचानने की कोशिश में लगी है सरकार