संदेश

जून 19, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

यह सियासी ड्रामा किसके लिए है

चित्र
भारत पाकिस्तान के रिश्ते पर जमे बर्फ को पिघलाने की कोशिश एक बार फिर तेज हुई है .मुंबई हमले के बाद ठप्प पड़े बातचीत की पहल को मजबूती दी जा रही है .कश्मीर से लेकर आतंकवाद तक सारे मुद्दे पर खुलकर बहस हो रही है .लेकिन यहाँ यह सवाल उठाना लाजिमी है कि कौन है ये लोग जो भारत पाकिस्तान के बीच जटिल मसले को चुटकी बजा कर हल करना चाहते है .पाकिस्तान के मोहम्मद अकरम कहते है "नेहरु गए ,जिन्ना गए ,इंदिरा गयी ,बेनजीर गयी ,वाजपेयी साहब आये लेकिन मसला वही का वही है ,क्या पाकिस्तान के यही अफलातून इस मुद्दे को सुलझाएंगे ,जिनपर अवाम का एतमाद नहीं है .हुकूमत यहाँ कौन चला रहा है यह पाकिस्तानी अवाम को भी नहीं मालूम है क्या इंडिया को नहीं पता कि वजीरे आजम युसूफ रजा गिलानी की यहाँ क्या हैसियत  है ." भारत को पाकिस्तानी हुकुमरानो की भले ही हैसियत पता नहीं हो लेकिन अमेरिका को उनकी हैसियत मालूम है ,सो पाकिस्तान को भरोसा में लिए बगैर अमेरिका ने दुनिया के सबसे खतरनाक दहशतगर्द ओसामा बिन लादेन को मार डाला .पाकिस्तानी फौज के सुरक्षित पनाहगाह में घुसकर अमेरिका की यह करवाई इस सच को दुनिया के सामने ला दिया था कि ...