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नीतीश का सेकुलरिज्म या लालू का खौफ

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बिहार एक बार फ़िर चर्चा में है । चर्चा के कई कारण है . ६ महीने बाद वहा चुनाव होने वाले है लेकिन असली चर्चा का विषय सत्ता समीकरण को लेकर जोड़ -तोड़ है. नॅशनल मिडिया मे खबर के लिए कुछ लोग आदर्श है जिसमे नरेन्द्र भाई मोदी का नाम सबसे ऊपर है .सो राष्ट्रीय मिडिया मे प्राइम टाइम झटकने के लिए नीतीश ने नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाया है .कोशी  बाढ़ पीड़ित  सहायता राशि गुजरात को लौटकर नीतीश ने  अपने सेकुलर छवि पर बने दाग को लगभग धो लिया है .वह पैसा गुजरात के लोगों का था लेकिन नीतीश ने उसे मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को लौटा दिया है .वह पैसा कोशी के बाढ़ पीड़ितों के नाम था लेकिन वह कर्ज नीतीश जी ने खुद उतरा है .हो सकता है कि आने वाले समय मे गुजरात के लोग और लम्बा फेहरिस्त दे ,तो नीतीश जी पाई पाई चुकाने के लिए केंद्र से कुछ उधार भी लें .हो सकता है इस बहाने वे कांग्रेस के कुछ और करीब आयें .जहाँ तक मुझे याद है गुजरात से करोड़ों रूपये की राहत सामग्री बाढ़ पीड़ितों को लिए भेजी गयी थी .लेकिन सवाल इमेज का है सवाल वोट का है तो नीतीश जी अपने को सेकुलर मनवाने के लिए कुछ भी कर सकते है .हो सकता है कि अगर गुजरात से