राम मंदिर निर्माण का मामला क्या सिर्फ 50 गज जमीन का है ?
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर प्रयागराज में संतो और विश्व हिन्दू परिषद की धर्म संसद पास हुई या फेल। यह बताना अभी मुश्किल है क्योकि मंदिर निर्माण को लेकर स्वरूपानंद जी की परम धर्म संसद की मान्यता कुछ अलग है जो सिर्फ मोदी सरकार के प्रयासों को बेमानी साबित करती है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि महज 50 गज जमीन की वैधानिक हक़ पा चूका मुस्लिम संगठन अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की सबसे बड़ी बाधा है ? या करोडो हिन्दुओ की आस्था का प्रश्न और उनके 68 एकड़ जमीन का भूभाग मुस्लिम संगठन के 50 गज जमीन का सवाल इतना अहम् है कि सरकार /संसद कोई कानून नहीं बना पाती ,सुप्रीम कोर्ट केस सुनने को लेकर तैयार नहीं है। क्यों सेक्युलर इंडिया के चेहरे पर बदनुमा कालिख पुतने का खतरा है ? लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत की सांस्कृतिक राजधानी अयोध्या और विरासत का सबसे प्राचीन शहर अपने एक छोटे से जमीन के विवाद का हल आपसी सहमति से नहीं ढूढ़ सकता ? क्या मर्यादा पुरुषोत्तम राम की अयोध्या अल्लामा इक़बाल के इमामे हिन्द की अयोध्या ने अपनी गंगा जमुनी तहजीब को भूलाकर कुछ संगठनो के सियासी स्वार्थ क