पाकिस्तानी जनरलों के आतंकवादियों का क्या मर्ज है ?
तो क्या मोदी भारत के सॉफ्ट स्टेट की पारम्परिक छवि तोड़ रहे हैं ,क्या मोदी अपने तमाम पूर्वर्ती प्रधानमंत्री से अलग हैं ? यकीन मानिये जवाब हाँ में ही मिलेगा। दुनिया भर की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिश्केक दौरे पर थी । एस सी ओ समिट में काफी अरसे के बाद भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक मंच पर दिखे थे लेकिन यह सवाल सबके जेहन में था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी आज भी वही हैं जो वे 2015 में थे। दुनिया ने यह भी देखा पी एम् मोदी ने हाथ मिलाने तो दूर वज़ीरे आज़म इमरान खान से नज़र मिलाना भी उचित नहीं समझा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस दौरे में पाकिस्तान के एयर स्पेस को इग्नोर करके यह संकेत पहले दे दिया था। 2014 के अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाना ,अफगानिस्तान दौरे के बीच लाहौर पहुँच कर नवाज़ शरीफ के फैमिली फंक्शन में शरीक होना। लेकिन मोदी तो मोदी हैं उन्हने किर्गिस्तान जाने के लिए पाकिस्तान को कोई जेस्चर दिखाने का मौका नहीं दिया उन्होंने अपनी रूट बदल ली। " पाकिस्तान को अपनी मौत खुद मरने दो ,हमें पाकिस्तान पर अपना वक्त अब बर्बाद नहीं करना