पाकिस्तान ने दिलाया हमें 19 साल पुराने संसद के संकल्प की याद
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के एक प्रस्ताव ने भारत की संसद को सोते से जगाया है .पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने अपने एक प्रस्ताव में अफजल गुरु की फ़ासी की निंदा की है ,साथ ही संसद हमले के गुनहगार अफज़ल के डेड बॉडी को कश्मीरको सौपने की मांग की है .पाकिस्तान असेंबली ने कश्मीर मामले में दुनिया को अपनी दखल बढाने की भी मांग की है .जाहिर है इसकी प्रतिक्रिया भारत की संसद में भी होनी थी .एक बार फिर संसद ने सर्वसम्मति से पाकिस्तान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया है .जम्मू कश्मीर सहित पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए संसद के प्रस्ताव ने पाकिस्तान को खबरदार भी किया है .लेकिन सवाल यह है कि संसद अपने ही 19 साल पुराने प्रस्ताव के आन वान और शान की रक्षा अबतक क्यों नहीं कर पायी है ? संसदीय परंपरा और जनतांत्रिक मूल्यों के प्रति भारत की संसद दुनिया भर में एक विशिष्ठ स्थान रखती है .बहस और तीखी नोक झोक के बीच भारतीय संसद ने कई एतिहासिक फैसले लिए है .संसद के इन्ही संकल्पों ने देश में लोकतंत्र की महत्ता को मजबूती से स्थापित किया है ,लेकिन भारतीय संसद के कई एतिहासिक संकल्पों और