चाइना वायरस हो या कोवीड 19 यह सामाजिक कलंक तो कतई नहीं है: जनता कर्फ्यू में भारत ने दिया दुनिया को सन्देश
कोविड 19 और उसके नाम को लेकर आज भी अमेरिका और चीन में ठनी हुई है। प्रसिडेंट ट्रम्प बार बार कोरोना वायरस को चाइना वायरस बताकर यह जताना चाहते है कि दुनिया में आयी इस महामारी की समस्या सिर्फ चीन की वजह है। अन्य कई लोगों ने अबतक की महामारी और वायरस को देश के नाम के साथ जोड़ा गया है फिर चीन का नाम क्यों नहीं ? जाहिर है चीन इस दुविधा में है कि उसके नाम वायरस से जुड़ते ही एक सोशल स्टिग्मा भी उनके लोगों के प्रति बनेगी जो पूरी दुनिया में फैले हैं। सोशल स्टिग्मा की हालत अपने मुल्क में देख लीजिये बिमारी के तमाम लक्षण के बावजूद लोग जाँच नहीं कराना चाहते ,आइसोलेशन में नहीं जाना चाहते ताकि उनके बारे में समाज अपनी रूढ़िवादी सोच के कारण उनके सर पर एक कलंक का थप्पा चस्पा कर दे। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसका रास्ता निकालते हुए इसका नाम कोविड 19 रखा है। यानी को फॉर क्रोना ,वी फॉर वायरस और डी फॉर डिजीज। लेकिन महामारी को सामाजिक कलंक मानने वालों के बीच पॉजिटिव मैसेज के लिए भगवान जगन्नाथ गाजे वाजे के साथ घोषणा करके एकांतवास यानी कोरेन्टीन में हर साल चले जाते हैं। यह एक कुदरती प्रक्रिया जिसके प्रकोप म