राजनाथ जी कश्मीर को यू पी के चश्मे से मत देखिये
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का कश्मीर में यह बयान कि मोदी सरकार वाजपेयी के "इन्शानियत के दर्शन " को कश्मीर मामले में आदर्श मानती है। कानून के दायरे में सबको लाने की अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए जेटली ने १० जवानो के खिलाफ कार्रवाई को अहम फैसला बताया। लेकिन जेटली के कश्मीर दौरे के ठीक दो दिन बाद हुए फिदायीन हमले में २१ की मौत ने कश्मीर को दुबारा ९० दशक के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। इसे महज एक इत्तिफ़ाक़ नहीं कहा जा सकता है कि दो दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर दौरे पर है और श्रीनगर के उसी ग्राउंड से कश्मीर को सम्बोधित करने वाले है जहाँ १२ साल पहले अटल जी ने महजूर के एक ग़ज़ल सुनाकर कश्मीर में एक नयी फ़िज़ा का आगाज़ किया था। यानि वाजपेयी ने आतंकवाद से लहूलहान कश्मीर में ""बहारे फिर से आएगी का भरोसा पुख्ता किया। क्या पी एम मोदी हीलिंग टच के उसी पुराने फॉर्मूले को आजमाएंगे या लीक से हटकर कश्मीरियों का भरोसा जीतकर पाकिस्तान के मनसूबे पर पानी फेरेंगे. ? पिछले 23 वर्षों से पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अघोषित हमला बोल रखा है इ