कोरोना महामारी ने दिया सबक आत्मनिर्भर बनो : शहरों से ज्यादा गाँव में बने रोजगार के विकल्प
महात्मा गाँधी कहते थे कि मेरे स्वराज की कल्पना का आधार ग्राम स्वराज ही है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की बात हो और प्रधानमंत्री मोदी गाँधी जी की चर्चा न करे ऐसा हो नहीं सकता था क्योंकि गांधीजी के आदर्शों की लाठी पकड़ मोदी जी सबसे पहले स्वच्छ भारत का संकल्प पूरा किया आज उसी व्यवहार परिवर्तन के संकल्प को लॉक डाउन से पूरा कर रहे हैं। गाँधी जी मानते थे कि देश की आत्मा गाँव में है और संपन्न - सशक्त भारत बनाने का संकल्प भी गाँव से आता है. जाहिर है राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर देश के सरपंचो से संवाद के अवसर पर मोदी जी ने गांधी के ग्राम स्वराज को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया है । कोरोना महामारी के वैश्विक संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी का देश के ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधियों से सीधा संवाद के कई माईने हैं। प्रधानमंत्री के देश को आत्मनिर्भर बनाने के अपील के पीछे बदल रहे वैश्विक हालत के बाद मुल्को के बीच अपनी विवशता और अपने को आत्मनिर्भर बनने की प्रतिष्पर्धा तेज होने की आशंका भी है , लॉक डाउन की हालत में शहरों की विवशता भी एक्सपोज़ हुई है। इस हालत में भारत के गाँव को अपना रास्ता