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पाकिस्तान से बेहतर रिश्ते की अपेक्षा क्यों है ?

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पिछले 23 वर्षों से पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अघोषित  हमला बोल रखा है इन वर्षों में हमारे ९०  हज़ार से ज्यादा लोगों की जान गयी है .  इस छदम युद्ध में हमारे २०  हजार से ज्यादा जवान मारे गए है .लेकिन हरबार हमने अब और नहीं कह कर सिर्फ दुसरे हमले का ही इन्तजार किया है .आज अगर बीजेपी कांग्रेस को कारवाई करने के लिए उकसा रही है तो उन्हें भी यह याद दिलाने की जरूरत है कि  "ओपेरशन पराक्रम "के नाम पर उन्होंने भी पराक्रम दिखाने की कोशिश की थी लेकिन सरहद पर महीनो तक हुंकार भरने के अलावा कुछ हासिल नहीं किया जा सका। यानी पाकिस्तान पर हमले को लेकर जो अडचने १२ साल पहले थी वही आज भी है। यह बात अलग है कि अटल जी ने इस मजबूरी को डिप्लोमेसी के चासनी में भिगोकर भारत -पाकिस्तान के रिश्तो में कुछ पल के लिए मिठास जरूर ला  दिया था।  यह बात पाकिस्तान भी जानता है भारत एक ऐसा सोफ्ट स्टेट है जिसके पास कारवाई करने की न तो कोई राजनितिक इच्छाशक्ति है न ही उनमे एक संप्रभु राष्ट्र का जज्वा  । भारत शक्ति ,वैभव, ज्ञान के मामले में भले ही अपनी पहचान दुनिया मे  बनाए हो, लेकिन स्टेट के रूप में उसे हमेशा उसे एक