कश्मीर का सच : ओमर अब्दुल्ला
रियासत मे मुख्यमंत्री पद की कमान संभाले अभी ओमर अब्दुल्ला को दो साल पुरे नही हुए है लेकिन ओमर अब्दुल्ला यह बात मान चुके है कि वे कश्मीर मे सबसे ज्यादा निक्कमा मुख्यमंत्री साबित होने वाले है .पिछले महीने एक इंटरव्यू मे उन्होंने माना था कि " सियासी तौर वे कोई चमत्कार दिखाने के लायक नही है ना ही वे अपने आपको लोगों के बीच बेच पाए है ".यानि शेख अब्दुल्ला की तीसरी पीढ़ी को कश्मीर मे तुरुप के पत्ते की तरह इस्तेमाल करने की पूरी कोशिश की गयी लेकिन यह दाव पूरी तरह से खाली गया .पिछले विधान सभा चुनाव मे नेशनल कान्फेरेंस सबसे बड़ी पार्टी के रूप मे सामने आई लेकिन सरकार बनाने से कोसो दूर थी .कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की कबायद तेज हुई लेकिन कांग्रेस की तरफ से साफ़ कहा गया फारूक पिटे हुए मोहरे है सिर्फ ओमर अब्दुल्ला को आजमाया जा सकता है .हालत यह है कि जो काम पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद नही कर सका .वादी मे सरगर्म अलगाववादी संगठन नही कर सके वह काम ओमर अब्दुल्ला अपने चंद महीनो के शासन मे कर दिखाया .कश्मीर का एक आध इलाका नही बल्कि वादी के दस जिले लगातार चार महीनो से अस्तव्यस्त रहे ...