सेकुलर हिंदुस्तान में जरनैल सिंह के जूते.......
पत्रकार जरनैल सिंह के जूते ने जो कमाल दिखाया संभवतः वह कमाल इराक के पत्रकार मुन्तजिर अल जैदी के जूते ने नही किया । दुनिया के सबसे ताक़तवर राष्ट्रपति जोर्ज बुश पर जूता फ़ेंक कर जैदी ने अपने पत्रकार बंधुओं को बताया था कि जरूरत पड़े तो कलम की जगह वे जूते का भी इस्तेमाल कर सकते है । हालत बदलने के लिए उत्साहित पत्रकारों के कलम की धार मोटी हो गई है तो जूता सबसे उम्दा विकल्प हो सकता है । जैदी ने जूते से सीधा निशाना बुश को किया था ,जोर्ज बुश इससे घायल भी हो सकते थे लेकिन उन्होंने अपने को उस वार से बचा लिया । जूते की चोट से हमारे गृह मंत्री भी बच गए लेकिन कांग्रेस पार्टी इस जूते के असर को कम नही कर सकी । नतीजा यही हुआ पार्टी को जूते भी खाने पड़े और एक बोडी प्याज भी । जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार को १९८४ के दंगे के कारण पहले भी टिकेट कटे हैं ,तब भी कांग्रेस देलही से लेकर पंजाब तक चुनाव हारी है । लेकिन जरनैल सिंह के जूते ने कांग्रेस को सेकुलरिस्म की एक नई सीख दे दी। 4००० से ज्यादा सिखों के कत्लेआम का आरोप कांग्रेस के लीडरों पर लगते रहे लेकिन पार्टी हर समय अपने को सेकुलर चैम्पियन बताती रही । बीजेपी ल