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दिसंबर 4, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कपिल सिब्बल का फेसबुक प्रोफाइल

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ऍफ़ डी आई के मामले में प्रधानमंत्री के सख्त रबैये से लोगों को यह एहसास हो गया था कि रिटेल सेक्टर में कोई बड़ा चमत्कार होने वाला है .देश के तमाम छोटे बड़े अख़बारों में ऍफ़ डी आई के फायदे को लेकर बड़ा इश्तिहार निकला गया .टीवी चैनलों पर आकर सरकार के मंत्रियों ने इसकी तारीफ में बड़ी बड़ी बातें की लेकिन  यह बात लोगों की समझ  में नहीं आई .यानी सरकार जिसे आर्थिक क्रांति मान रही थी लेगों ने उसे धोखा करार दिया .तो क्या लोग अखबार नहीं पढ़ते है ?टीवी नहीं देखते है ?या फिर सरकार सरकार पर कोई भरोसा नहीं है ?सरकार का यह फैसला इतना ही शानदार था तो इसे वापस क्यों लिया गया ? सोसल नेटवर्किंग साईट को लेकर कपिल सिब्बल के उग्र रूप से सरकार की हतासा समझी जा सकती है .टेलिकॉम मिनिस्टर श्री सिब्बल फेसबुक ,ट्वीटर और दुसरे साईट पर लगाम लगाना चाहते है .वजह लोग अख़बार या टीवी के प्रोपगंडा से उकता गए है अब ओ मौलिक सुचना का आदान प्रदान करना चाहते है. सरकार का बहाना है कि इन साईट पर आपतिजनक मसाले डाले जा रहे है .लेकिन सवाल यह है कि सरकार के खिलाफ हर चीज आपतिजनक हो सकती है .फिर चीन और भारत में फर्क क्या है .कपिल सिब