#Covid19 हे भारत पुत्र ! आप यहाँ फिर लौटेंगे
तुम कहाँ जा रहे हो भारत। कल तुम यहीं लौटोगे। फिर से यही तुम्हारा घर और जीवन होगा। ये चार दिनों का कोरोना सिर्फ करुणा का ही तो इम्तिहान ले रहा है। हालात फिर बदलेंगे दिक्कत तुम्हारे उस भरोसे का है जो काफी पहले हिल गया था। करुणा इस देश का डीएनए है जिसे हम अपने स्वार्थ में भूल गए थे और इसी करुणा से कोरोना को हराया जा सकता है। मैं जानता हूँ कि मीडिया के कुछ बीर बहादुरों ने एक डर का माहौल बना दिया। कुछ नेताओं ने सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने के लिए ,आपकी तस्वीर को कुछ इस तरह बताया जैसे आप माउंट एवेरेस्ट फतह कर आये हों ,कुछ और मजदूर साथियों ने आपके इस साहसिक अभियान में साथ दिया और चल पड़े अनन्त यात्रा पर। ये कौन सी बहादुरी थी जहाँ आप जा रहे हैं वो लोग भी आपके स्वागत के लिए तैयार नहीं है। ये कौन सी अक्लमंदी थी कि आपने छोटे बच्चो को भी कंधे पर लेकर इस महान यात्रा पर चल पड़े। आपका पैदल चलना मुझे कहीं से प्रभावित नहीं किया ,आप इतने भयभीत हो उठे कि आपकी यात्रा ने प्रशासन के मिशन को भटका दिया। इस देश में आदि शंकराचार्य जैसे संत केरल से चलकर पुरे भारत के चौहदी तय कर दी थी। सुरेंद