कश्मीर तेरी जान मेरी जान हिंदुस्तान या पाकिस्तान
भारत ने कहा कश्मीर उसका अटूट अंग है ,पाकिस्तान ने कहा कश्मीर उसकी धड़कन । इसी अटूट अंग और धड़कन को बचाने और हथियाने का जो सिलसिला १९४७ से शुरू हुआ ओ आज भी जारी है। पाकिस्तान की ओर से कभी कश्मीर को हड़पने के लिए कबय्लिओं को भेजा गया कभी पाकिस्तानी फौज ने सीधे आक्रमण करने की कोशिश की , इससे बात नही बनी तो पाकिस्तान ने जेहाद का सहारा लिया और आतंकवाद एक नया सिलसिला शुरू किया । जनरल जिया उल हक ने ब्लीडिंग बाय थोसंड्स कट्स के जरिये भारत को थकाने की एक खतरनाक खेल की शुरुआत की जो आज पुरे भारत में आजमाया जा रहा है । पिछले २० वर्षो में अब तक इस खुनी खेल ने १ लाख से ज्यादा लोगों को लीलहै , लाखों लोग घर से बे घर हुए हैं । इस खतरनाक खेल के शिकार हिंदू हुए हैं तो मुसलमान भी । कश्मीर में शेख अब्दुल्लाह से लेकर गुलाम नबी आजाद तक जितने मुख्यमंत्री हुए उन्होंने भारत सरकार का या कहें कि हिंदुस्तान के लाखों लोगों की कमाई को पानी के तरह बहाया , लेकिन जब जब कश्मीर में हिंदुस्तान की आवाज धीमी पड़ी उन्होंने अपना पीठ ही दिखाया है । संसद में ओमर अब्दुल्लाह ने एतिहासिक भाषण में जोर देकर कहा की ओ मुसलमान है और