कश्मीर और धारा 370 के ज़मीनी सियासत को रौशनी एक्ट के उजाले में समझिये, आखिर कांग्रेस ने अपनी ज़मीन क्यों खोयी
धारा 370 का पाप ! एक ऐसा पाप जिसे देश के एलिट लोगों ने जाति ,मज़हब ,क्षेत्र से ऊपर उठकर भारत के अंदर एक फ्यूडल भारत की रचना का संसार बसाया था। सेक्युलर इंडिया में विशेष अधिकार के नाम पर कुछ लोगों ने इसे अपने लिए जन्नते कश्मीर बना लिया था। एक महराजा को हटाकर दूसरा महराज को संवैधानिक मुकुट पहना दिया था लेकिन बांकी लोगों के लिए आम हिंदुस्तानी की तरह संघर्ष जारी था। एक जम्हूरी मुल्क के इस जन्नत का सच तब सामने आया जब कश्मीर हाई कोर्ट ने सरकार से 2 . 5 लाख एकड़ लूट की जमीन को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश दिया है। जम्मू कश्मीर के भाग्य विधाता बने शेख अब्दुल्ला परिवार के दर्जनों कारनामे है लेकिन 2001 के रौशनी एक्ट से कश्मीर के ऑटोनोमी और सेल्फ रूल का सच अँधेरे में भी पढ़ा जा सकता है। रौशनी एक्ट यानी रियासत के दूर दराज इलाके में बिजली पहुंचाने के लिए फ़ारूक़ अब्दुल्ला सरकार ने 1990 के कट ऑफ डेट देकर सरकारी जमीन कब्ज़ा जमाये नेताओं को छूट दी की वे एक निर्धारित मूल्य जमाकर अपने नाम मालिकाना हक़ ले सकते हैं। तर्क दिया गया कि इस स्कीम में 25000 करोड़ रुपए आएंगे . नेशनल कांफ्रेंस के लोगों ने इसक