गृह मंत्री चिदम्बरम की माया कांग्रेस और बीजेपी पर भारी
"बक स्टॉप आट माय डेस्क " यह उस गृह मंत्रालय के लीडर का बयान था जहाँ यह कभी रिवायत नहीं थी .छत्तीसगढ़ के दंदेवाडा से भी भयानक हमले इस मुल्क पर हुए है .आतंकवादी हमले मे एक एक दिन में २०० से ज्यादा लोग मारे गए है लेकिन गृह मंत्री कभी भी इसकी जिम्मेदारी लेने आगे नहीं आये .कभी कहा गया हर जगह सुरक्षाबल मुस्तैद करना संभव नहीं है . तो कभी कहा गया राज्य सरकारों या फिर आला पुलिस ऑफिसर को ख़ुफ़िया जानकारी पहले ही दे दी गयी थी .यानि हर बार पूर्वर्ती गृह मंत्री ने अपने को बेदाग़ साबित किया .लेकिन ऐसा क्या हो गया कि ७६ सी आर पी ऍफ़ के जवानों की न्रिशंश मौत ने गृह मंत्री को हिला दिया था ?.ऐसा क्या हो गया कि हर बात पर गृह मंत्री का इस्तीफा मांगने वाला विपक्ष गृह मंत्री के साथ मजबूती से खड़ा था ?.दंतेवाडा के नाक्साली हमले के ठीक चार दिन पहले गृह मंत्री चिदम्बरम पशिम बंगाल के मुख्या मंत्री को नशिहत दे आये थे और उन्हें जिम्मेदारी दुसरे पर नहीं थोपने की सलाह दे रहे थे .दंतेवाडा के इस हमले के बाद गृह मंत्री ऐसी ही नशिहत रमण सिंह को भी दे सकते थे और सी आर पी ऍफ़ की मौत की जिम्मेदारी राज्य सरकार ...