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अप्रैल 4, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गृह मंत्री चिदम्बरम की माया कांग्रेस और बीजेपी पर भारी

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"बक स्टॉप आट माय डेस्क " यह उस गृह मंत्रालय के लीडर का बयान था जहाँ यह कभी रिवायत नहीं थी .छत्तीसगढ़ के दंदेवाडा से भी भयानक हमले इस मुल्क पर हुए है .आतंकवादी हमले मे एक एक दिन में २०० से ज्यादा लोग मारे गए है लेकिन गृह मंत्री  कभी भी इसकी जिम्मेदारी लेने आगे नहीं आये .कभी कहा गया हर जगह सुरक्षाबल मुस्तैद करना संभव नहीं है  . तो कभी कहा गया राज्य सरकारों या फिर आला पुलिस ऑफिसर को ख़ुफ़िया जानकारी पहले ही दे दी गयी थी .यानि हर बार पूर्वर्ती गृह मंत्री ने अपने को बेदाग़ साबित किया .लेकिन ऐसा क्या हो गया कि ७६ सी आर पी ऍफ़ के जवानों की न्रिशंश मौत ने गृह मंत्री को हिला दिया था ?.ऐसा क्या हो गया कि हर बात पर गृह मंत्री का इस्तीफा मांगने वाला विपक्ष गृह मंत्री के साथ मजबूती से खड़ा था ?.दंतेवाडा के नाक्साली हमले के ठीक चार दिन पहले गृह मंत्री चिदम्बरम पशिम बंगाल के मुख्या मंत्री को नशिहत दे आये थे और उन्हें जिम्मेदारी दुसरे पर नहीं थोपने की सलाह दे रहे  थे .दंतेवाडा के इस हमले के बाद गृह मंत्री ऐसी ही नशिहत रमण सिंह को भी दे सकते थे और सी आर पी ऍफ़ की मौत की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर थ

सुरक्षाबलों की मौत पर बंद करो ये घडियाली आंसू

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६ अप्रैल २०१०, दंतेवाडा . भारत के आतंक विरोधी अभियान का  कला दिवस .एक नहीं दो नहीं ७६ से ज्यादा सुरक्षा वल मौत के घाट उतार दिए गए .नक्सली आतंकियों द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा हमला है . ४ अप्रैल २०१० ,कोरापुट ११ जवान नक्सली हमले के शिकार हुए .१५ अप्रैल २०१० मिदनापुर के एक कैम्प पर नाक्सालियो ने हमला करके २४ जवानों को शहीद कर दिया .इस साल के कुछ बड़े हमले की यह सूचि है .यकीन मानिये अबतक नक्सल विरोधी अभियान मे २००० से ज्यादा जवानों की मौत हो चुकी है .लेकिन भारत सरकार की यह जिद है कि यह लड़ाई राज्य सरकारे लड़ेगी केंद्र सिर्फ उन्हें सहायता देगा .सियासत ऐसी कि नक्सल के खिलाफ अभियान को राज्यों मे ऑपरेशन ग्रीन हंट का नाम दिया जा रहा है लेकिन हमारे गृह मंत्री ऐसे किसी ग्रीन हंट ऑपरेशन से इनकार करते है .दंतेवाडा के मुकरना जंगल मे नाक्सालियो ने बड़ी ही बेरहमी से ७६ जवानों को भून डाला और सुरक्षाबल नाक्सालियो पर एक गोली भी नहीं चला पाए .यानि नक्सालियों के अम्बुश का तोड़ अभी सी आर पी ऍफ़ के पास नहीं है .नक्सली के हर अम्बुश मे सी आर पी ऍफ़ के जवान फसते है .१०० -२०० के नक्सली गुरिल्ला की फौज उनका आसान