पाकिस्तानी नैरेटिव में फसा इंडियन लिबरल मीडिया और बुद्धिजीवी : गीदड़भभकी में मत उलझिए
अपने बुद्धिजीवी और लिबरल पत्रकारों के गीदड़भभकी में मत उलझिए ये अपने अहंकार में पाकिस्तान के नैरेटिव चला रहे हैं। ब्लीड इंडिया बाय थाउजेंड कट्स की जनरल जिया की पालिसी की हम कोई काट अबतक ढूढ़ नहीं पाए और पिछले 35 वर्षो में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने हमारे 25 ,000 से ज्यादा सिविलियन और जवानों को शहीद कर दिया । पाकिस्तान की लो कॉस्ट की स्ट्रेटेजी ने हमें इतना डिफेंसिव बना दिया था कि हम सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ सबूत जुटा रहे थे और पाकिस्तान के कोर्ट के हवाले कर रहे थे औ र वह उसे कूड़े में डाल रहा था। वजह भारत और पाकिस्तान के बुद्धिजीवियों का परमाणु बम के हमले का नैरेटिव।इसी नैरेटिव की ताकत से पाकिस्तान की फौज ने मुल्लाओं के आगे करके बम से भी सस्ता इंसानी बम बनाना शुरु कर दिया। जिहाद के नाम पर मुल्क के गरीब नॉजवानो को दहशतगर्दी में झोंक दिया। कश्मीरी अलगाववादी से आप इसलिए बात कर रहे थे क्योंकि पाकिस्तान नुक्लेअर पावर है उससे जंग नहीं लड़ा जा सकता। हम बेमन से क्रिकेट मैच खेल रहे थे क्योंकि बुद्धिजीवी पत्रकार बताते थे कि हम जंग अफोर्ट नहीं कर सकते। सॉफ्ट स्टेट की हमारी छवि ने हमें