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अक्तूबर 25, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बन्दूक चलाने से पहले जरा मजबूती से खड़े तो होइए

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मेरे साथ बैठे ८० साल का बुजुर्ग बार बार एक खबर की ओर मेरा ध्यान आकृष्ट करा रहे थे . मेट्रो मे बैठा मै अखबार पढने मे मशगूल था .लेकिन मेरे साथ बैठे बुजुर्ग  सरदारजी मुझसे पाकिस्तान मे हुए धमाके की खबर की जानकारी चाहते थे . मैंने उन्हें बताया कि पेशावर मे हुए इस धमाके में १०० से ज्यादा लोग मारे गए है .मायूसी के साथ सरदारजी ने कहा देखना यहाँ भी यही होने वाला है . मैंने उन्हें लगभग दिलासा देते हुए बताया कि सर ऐसा हिंदुस्तान में नहीं हो सकता है .उन्होंने पुछा क्यों ? मैंने कहा यहाँ के लोग पाकिस्तान से ज्यादा सभ्य है ज्यादा पढ़े लिखे है . सबसे खास बात यह है है कि यहाँ के  समाज ने हिंसा को लगभग खारिज किया है . सरदारजी ने मुझे समझाते हुए बताया कि पाकिस्तान से ज्यादा वल्नेराब्ल समाज भारत का है यहाँ हिंसा महज एक अफवाह से फ़ैल जाती है .यहाँ हिंसा ताक़त बताती है यहाँ हिंसा ही विचारधारा को मजबूती देती है . आप बताये नक्सली ने  किस विचारधारा को लेकर जनांदोलन किया था .नक्सली का विस्तार इसलिए संभव हुआ क्योंकि उसने माओ की किताब नहीं बाटी बल्कि बन्दूक को आम आदमी के बीच सुलभ बना दिया...

कश्मीर को सियासी मसला बताकर क्या ओमर अब्दुल्ला झूठ नहीं बोल रहे है ?

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ओमर अब्दुल्ला मानते है कि कश्मीर में नौजवानों ने पैसे के लिए या फिर तरक्की के लिए बन्दूक नहीं उठाई थी . नवजवान चीफ मिनिस्टर मानते है कि कश्मीर में बन्दूक लोगों ने मसले के हल के लिए उठाया था . वादी में ये खून खराबा कश्मीरियों ने आज़ादी के लिए किया था . मार्केटिंग की दुनिया से लौटे ओमर साहब सियासी करियर में जोर आजमैस कर रहे है . अरबी में एक कहावत काफी प्रचलित है कि जिसने ज्यादा दुनिया घूमा हो वह उतना ही ज्यादा झूठ बोलता है . ओमर अब्दुल्ला अपने खानदान की नाकामयाबी को छुपाने के लिए सीधे झूठ का सहारा ले रहे है . इन्हें यह याद दिलाने कि जरूरत है कि १९४८ में जब पाकिस्तानी फौज ने कश्मीर पर आक्रमण किया था तो कश्मीर के हजारों लोगों ने पाकिस्तानी गुरिल्लाओं को रोका था . सैकडो की तादाद में लोग शहीद हुए थे . बारामुल्ला में पाकिस्तानी फौज ने सैकडो बहनों की असमत्दरी की थी .भारत में कश्मीर विलय का एलान होने के साथ ही भारतीय फौज ने पाकिस्तानी आक्रमणकारियों को मार भगाया था . भारतीय फौज के स्वागत में लाखों की तदाद में जमाहोकर कश्मीरियों ने भारत के प्रति अपने समर्थन का इजहार किया था . याद रखने वाली बात यह...