महिला आरक्षण बिल से क्यों खौफजदा है लालू और मुलायम
लालू जी का माने तो वो लोकसभा मे महज ४ सांसदों के नेता नहीं है बल्कि महिला बिल से आतंकित लगभग तमाम सांसदों का नेतृत्वा करते है . लालू जी कहते है ' सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद उन्हें आकर बताते है कि लालू जी कुछ करो हमलोगों ने तो अपनी सियासी मौत की पर्ची पर खुद दस्तखत की है' . बेचारे सांसद अपने नेता के खिलाफ कुछ बोल नहीं सकते .कांग्रेस मे आलाकमान का फैसला अंतिम है ,सो सोनिया जी ने अगर बिल के लिए मन बना लिया है फिर कांग्रेस मे उसे विरोध करने की जुर्रत किसको है . आखिर ये बिल राजीव गाँधी का सपना था .महिला सशक्तिकरण के नाम पर कांग्रेस पिछले १४ वर्षों से अपने चुनावी मेनिफेस्टो मे महिला आरक्षण को प्रमुख मुद्दे को तौर पर रखा है . महिलाओं के साथ अब और धोखा नहीं हो सकता सो सोनिया जीको अपना वचन निभाना है .बीजेपी की मजबूरी है अगर उसने कांग्रेस का साथ नहीं दिया तो महिला आरक्षण का श्रेय सिर्फ सोनिया गाँधी को मिलेगा .इसलिए महिला आरक्षण पर बोलते हुए बीजेपी नेता अरुण जेटली ने वही खुबिया गिनाई जो कांग्रेसी नेता गिना रहे थे . ये अलग बात है कि कांग्रेसी नेता इसका श्रेय सोनिया गाँधी को देने से न