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अक्तूबर 26, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या राहुल राज पागल था या फ़िर कुछ और ...

[Photo] बस में , मेट्रो में ,कौफी हाउस में या यूँ कहें कि जहां भी बिहार के लोग मिलते हैं मुंबई पुलिस का हालिया एनकाउंटर खास चर्चा में है । क्या राहुल राज पागल था , क्या बिहार की स्मिता के लिए राहुल शहीद हो गया , क्या बिहार का एक भावुक नौजवान वह सब कर गया, जो आज तक किसीने नहीं किया था ? इस तरह के ढेरो सवाल लोगों के मन में उमड़ रहें है । ठीक दूसरे दिन एक दूसरे एनकाउंटर में उसी महाराष्ट्र में पब्लिक के एनकाउंटर में गोरखपुर का एक मजदूर मारा जाता है । धर्मदेव राय मजदूरी करके वापस लौट रहा था कुछ तथाकथित मराठी मानुस ने उसकी जान ले ली । लोग एक दूसरे की जान लेने पर उतारू है मगर क्यों ? मुंबई पुलिस का दावा है कि पटना से आया राहुल राज ने एक बस को हैजक कर लिया था और वह राज ठाकरे को मारने आया था । राज्य के गृह मंत्री अपनी पुलिस की पीठ थपथपा रहें हैं ,शिव सेना बिहारी अंदाज में उसे मार गिराने के लिए मुंबई पुलिस को बधाई देती है ..और केन्द्र की सरकार महाराष्ट्र की सरकार से रिपोर्ट मांगने की बात करके इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लेती है । एक देश ,एक नागरिकता ,एक पहचान की बात सियासत के पैरों तले रौं