नरेंद्र मोदी व्यक्ति/ संगठन के अलावा एक आईडिया है जो सीधे आमजनमानस को कनेक्ट करता है
" निर्मल भारत अभियान "और "स्वच्छ स्वच्छ भारत अभियान" में क्या फर्क है ? वही फर्क जो राहुल गाँधी और नरेंद्र मोदी में है। भारत को गंदगी से मुक्त कराने की इन दोनों स्कीमों का उद्देश्य भी एक ही था। लेकिन कांग्रेस की निर्मल भारत में सिर्फ कुछ हजार रुपयों का आश्वासन था जबकि पीएम मोदी ने खुद इसके लिए झाड़ू उठा लिया था। यानी स्वच्छाग्रही बनकर मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान को बिहैवियर चेंज का आंदोलन बना दिया। इस देश को समझने का दावा सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है। राहुल गाँधी इसक ा जिक्र अपने भाषणों में भी करते हैं लेकिन देश परिवर्तन के लिए आकुल है यह समझने में कांग्रेस पार्टी और राहुल ने भारी भूल की है। पीएम मोदी और राहुल की चुनौती भी एक जैसी है दोनों अपनी अपनी पार्टी की भीड़ और टीम में अकेले सेनापति हैं। दोनों पार्टियों में लीडरो को पाने की लालसा अधिक है। लेकिन राहुल गाँधी घर दुरुस्त करने के बजाय मोदी को हटाने के लिए अपनी पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं। यानी सत्ता सबकुछ ठीक कर देगी ऐसा कांग्रेस पार्टी सोचती है। जबकि मोदी मंत्री/मुख्यमंत्री के नाकामयाबी को नज़रअंदाज़ कर जनसंवाद को