नक्सल के खिलाफ जंग दंतेवाडा से नहीं दिल्ली से होनी चाहिए
पिछले एक जनवरी से अबतक नक्सल प्रभावित राज्यों की चार बैठके हो चुकी है .केंद्र सरकार का मानना है कि नक्सल के खिलाफ किसी ग्रीन हंट ऑपरेशन की चर्चा नही है .राज्य सरकारे यह लडाई खुद लड़ लेगी लेकिन खबर यह भी है की केवल छत्तीसगढ़ मे ही इस ऑपरेशन के दौरान अबतक १५० से ज्यादा नाक्साली मारे गए है . यह quiet डिप्लोमेसी का जमाना है सबकुछ चुपचाप होगा .यानि जंग भी और सियासत भी चुपचाप होंगे . लेकिन नक्सली इस जंग को चुप चाप नहीं होने देंगे .दिल्ली से लेकर राज्यों की राजधानियों में बुधिजिबियों का प्रदर्शन जारी है .आदिवासियों के समर्थन मे सरकार के खिलाफ उनका अभियान जारी है . तर्क यह दिया जा रहा है कि ऑपरेशन ग्रीन हंट नक्सलियों के खिलाफ नहीं है बल्कि आदिवासियों के खिलाफ है . पिछले दिनों मशहूर आन्दोलनकारी मेधापाटेकर और संदीप पाण्डेय दंतेवाडा मे जनसुनवाई करने पहुचे थे .मकसद था दुनिया को बताना कि ऑपरेशन ग्रीन हंट में भोले भाले आदिवासियों को शिकार बन...