संदेश

जून 21, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चीन खतरनाक है या पाकिस्तान अपने बिहार रेजिमेंट से पूछो, क्या फर्क पड़ता है : फर्क की चिंता सियासतदां ने ज्यादा की है !

चित्र
भारतीय जनसंघ के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है। भारत में यह सौभाग्य कुछ परिवारों और नेताओं को मिला है जिनकी पुण्यतिथि एक उत्सव होता रहा  है लेकिन बंगाल के इस महामानव जिसने पंडित नेहरू के अहंकार और देश की अखंडता की रक्षा  के लिए अपनी जान की कुर्वानी कश्मीर में दे दी उसे 65 वर्ष  बाद मौजूदा सरकार ने स्टेट रीआर्गेनाइजेशन एक्ट लाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है  । श्यामा प्रसाद मुखर्जी का मानना था कि नेहरू ने जो गांठ अपने हाथों से लगायी है वह आने वाले वक्त में भारत की नई पीढ़ी   को वही  गांठ दातों से खोलना पडेगा ।  शेख अब्दुलाह की सरबराही वाली रियासत जम्मू कश्मीर और चीन के साथ रिश्तो को  लेकर  पंडित नेहरू की भावुकता ने देश को अबतक परेशानी से बाहर निकलने का मौका नहीं दिया  है। महराजा हरी सिंह के जम्मू कश्मीर के पूर्ण विलय का ड्राफ्ट जब देश के अन्य 600 रियासतों के अनुरूप ही था फिर नेहरू जी का कश्मीर को लेकर  स्पेशल स्टेटस की जींद क्यों थी ? क्यों एक देश दो निशान  दो विधान की परमपरा  बनी ? क्यों भारत के दूसरे राज्यों के लोगों को जम्मू कश्म